कंप्यूटर वायरस क्या है . यह इनफार्मेशन को कैसे ख़राब करता है.( What is computer virus and how it Damage Information)

वास्तव में कंप्यूटर वायरस एक प्रकार का सेट ऑफ़ इंस्ट्रक्शन होता हैजो यूजर के इच्छा के बिना कंप्यूटर में स्टोर सूचनाओं को संक्रमित 
कर देता है यह कंप्यूट वायरस इंटरनेट के माध्यम से या फिर एक कंप्यूटर से दूसरे कंप्यूटर में पेन-ड्राइव , फ्लॉफी-डिस्क-ड्राइव , या USB ड्राइव के द्वारा भी जा सकता है.

कंप्यूटर वायरस कंप्यूटर में स्टोर इनफार्मेशन और प्राइवेट डाटा को आटोमेटिक डिलीट ,और  Currept कर देते हैजिसका यूजर को पता भी नहीं चल पाता.


कंप्यूटर वायरस का इतिहास ( History of computer virus ):- 

पहला कंप्यूटर वायरस 1949 में  जॉन वॉन न्यूमैन के द्वारा बनाया गया था , जो एक सेल्फ रेप्लिकेटिंग प्रोग्राम थाअर्थात वह प्रोग्राम खुद ही कंप्यूटर में बढ़ता रहता था.

इसी कांसेप्ट पर वर्ष 1970 में Bob Thomas ने भी एक सेल्फ रेप्लेसिंग प्रोग्राम बनाया जिसका नाम क्रीपर था. जब यह वायरस एक्टिव होता था तब कंप्यूटर स्क्रीन पर बस एक मैसेज "I Am The Creeper Catch Me If You Can" शो होता था. 1986 में एक कंप्यूटर वायरस जिसने MS -DOC पर अटैक किया था उसका नाम ब्रेन (ब्रेन) था. जो दो पाकिस्तानी भाइयो  Basit Farooq Alvi और  Amjad Farooq Alvi  के द्वारा  बनाया गया था जो बूट सेक्टर के स्टोरेज मीडिया में .BAT extension से सेव फाइल्स को इन्फेक्ट करता था. ब्रेन कंप्यूटर वायरस को बनाने का एक मात्र उद्देस सॉफ्टवेयर के Illegal copy चलाने वालो को सबक सिखाना था.

कंप्यूटर वायरस के प्रकार ( Computer Virus types ):-

  1. Resident Virus
  2. Over Write Virus
  3. Direction Action Virus
  4. File Infectors
  5. Boot Sector Virus
  6. Directory Virus
  7. Micro Virus
  8. Browser Highjack Virus

Resident Virus:


Resident Virus एक ऐसा वाइरस है जो कंप्यूटर में स्वतः ही स्टोर हो जाता है ये खुद की पहचान छुपाने में माहिर होते है ये कंप्यूटर में रन होने वाले किसी भी फाइल को damage करने के छमता रखते है. ये कंप्यूटर में इनस्टॉल antiviruses के फाइल्स में खुद को जोड़ लेते है और स्कैनिंग के टाइम सभी फाइल्स को इम्पैक्ट करते है. 

OverWrite Virus:


OverWrite Virus ऐसे कंप्यूटर वायरस होते है जो कंप्यूटर में एंटर होने के बाद सिस्टम के Code फाइल्स को इफ़ेक्ट करते है ये फाइल के ओरिजिनल Code को रिमूव कर देते है. और उसके जगह खुद से तैयार किया गया Code लिख देते है. इससे कारन इन्हे Overwrite वायरस कहा जाता है. 

Direct Action Virus:


Direct Action Virus ऐसे वायरस होते है जो शुरुआत में केवल .exe और .com फाइल एक्सटेंशन के फाइल्स को ही इम्पैक्ट करते है पर जब ये ऐसा करने में सफल हो जाते है तब ये दूसरी एक्सटेंशन के फाइल्स जैसे .png, .txt, .xlxs, .ppt, .bat इत्यादि को भी इफ़ेक्ट करते है ज़्यादातर Direct Action Virus Containing फाइल्स के साथ आते है जैसे की फाइल Sharing या Downloading Action

File Infector Virus:



File Infector वायरस ऐसे वायरस होते है जो Executable प्रोग्राम्स जैसे Spreadsheet, ppt, Word  Processor प्रोग्राम्स  को टारगेट करते है और उनसे लिंक हो जाते है. जब एक बार ये इनके फाइल्स को इफ़ेक्ट करने  में सफल हो जाते है तो ये कप्यूटर के दूसरे प्रोग्राम्स को भी टारगेट करते है. साथ ही उस कंप्यूटर से कनेक्ट दूसरे Devices और नेटवर्क को भी इम्पैक्ट करते है. 

Boot Sector Virus:



Boot Sector Virus डायरेक्टली  कंप्यूटर की Storage Devices जैसे की  Hard Drive को इम्पैक्ट करता है हम जैसे  ही कंप्यूटर को स्टार्ट करते है तो ये कंप्यूटर के Boot फाइल्स के साथ सिस्टम के मेमोरी में लोड हो जाता है. और जैसे ही आप Targeted कंप्यूटर में कोई External स्टोरेज Device जैसे की Flopy Drive या पेन ड्राइव Attach करते है तो ये वायरस उस Device में आ जाता है. 

Micro Virus:



Macro Virus ऐसे कंप्यूटर वायरस होते है जिनको Same Micro language में लिखा जाता है जिनमे Computer Application को लिखा जाता है. जैसे की Microsoft Excel, Microsoft Word, Microsoft Power point इत्यादि जब कोई माइक्रो वायरस किसी एप्लीकेशन को इंफेक्ट करता है तब यह उस एप्लीकेशन के ओपन करते ही स्वतः रूप से उस एप्लीकेशन को चलाने लगता। जैसे की Unusual ऑपरेशन Perform होने लगते है. तो कई बार एप्लीकेशन हैंग हो जाता है. 

Browser Highjack Virus:



ब्राउज़र हाईजैकिंग वायरस ऐसे Unwanted Malware प्रोग्राम होते है. जो यूजर की परमिशन के बिना ब्राउज़र की सेटिंग्स को Modify कर देते है. ये ब्राउज़र पर अपने एक्सटेंशन ऐड करने के लिये और Advertisement प्रदर्शित करने के लिये ऐसा करते है.